बारिश के साथ ही हमारे शहर और महत्वपूर्ण इमारतें पानी में डूबती दिखीं हैं. दिल्ली की सड़कों में ट्रैफिक जाम से लेकर रेलवे स्टेशनों और एयरपोर्ट पर हाहाकार ही नहीं मचा बल्कि अयोध्या में नवनिर्मित राम मंदिर भी पानी से सराबोर दिखा. म्युनिस्पल अधिकारी और सरकारें चरम मौसमी घटनाओं का हवाला देकर इस अव्यवस्था से पल्ला झाड़ना चाहते हैं लेकिन यह सब भ्रष्टाचार, खराब शहर निर्माण योजना यानी बैड टाउन प्लानिंग का भी नतीजा है. जहां ठोस कचरा प्रबंधन की कोई व्यवस्था नहीं होती और जलनिकासी हो नहीं पाती.
इस वीडियो रिपोर्ट में हृदयेश जोशी हज़ारों करोड़ रुपये की लागत से खड़े किए गए स्टेट ऑफ द आर्ट प्रोजेक्ट्स पर नज़र डाल रहे हैं. चाहे वह जीएमआर ग्रुप द्वारा बनाया दिल्ली एयरपोर्ट टर्मिनल हो जिसके एक्सपेंशन की कीमत 12000 करोड़ है या लार्सन एंड टूब्रो, टाटा कंसल्टेंसी और आईआईटी की मदद से खड़ा करीब 1800 करोड़ का राम मंदिर कॉम्प्लेक्स हो या एल एंड टी, टाटा और गुजरात एचसीपी कंपनी के द्वारा बनाया गया सेंट्रल विस्टा प्रोजेक्ट, जो कुल 20,000 करोड़ रूपये से अधिक का है. इन बड़ी-बड़ी कंपनियों और उच्च संस्थानों के बावजूद ये सभी इमारतें या इन्फ्रास्ट्रक्चर कुछ घंटों की बारिश नहीं झेल पाते.
देखिये हमारी ये विशेष वीडियो रिपोर्ट.
Newslaundry is a reader-supported, ad-free, independent news outlet based out of New Delhi. Support their journalism, here.