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न्यूज़लॉन्ड्री टीम

कैंसर से हारने वाले पत्रकार पवन जायसवाल ने कहा था- 'अभी बहुत कुछ करना है बचा लीजिए'

मिर्जापुर के सरकारी स्कूल में बच्चों को मिड डे मील में नमक-रोटी खिलाए जाने की खबर करने वाले पत्रकार पवन जायसवाल का गुरुवार को निधन हो गया. पवन कैंसर से जूझ रहे थे. उनका इलाज वाराणसी के एक अस्पताल में चल रहा था.

इस रिपोर्ट को लेकर पवन के खिलाफ केस दर्ज किया गया था, बाद में पुलिस ने उस मामले में क्लीनचिट दे दी और कहा कि पत्रकार के खिलाफ कोई सबूत नहीं मिला.

कैंसर की बीमारी का इलाज करवाने के लिए पत्रकार ने लोगों से मदद मांगी थी.

जनसंदेश टाइम्स के पूर्व संपादक और पत्रकार विजय विनीत न्यूज़लॉन्ड्री से पवन जायसवाल के बारे में बात करते हुए कहते हैं, "मेरी लगभग हर रोज ही उनसे बात हुआ करती थी. कभी उनसे नहीं तो डॉक्टर्स से बात हो जाती थी. तीन-चार दिन पहले डॉक्टर्स ने बताया था कि पवन की हालात ज्यादा खराब हो रही है. अब बचने की उम्मीद कम है.”

वह कहते हैं कि, पवन आखिरी बार अगस्त 2021 में उनके साथ ही रिपोर्टिंग करने मिर्जापुर गए थे. वहां से वापस लौटने के बाद हम पवन को लेकर वाराणसी में एक डॉक्टर के पास गए. जहां सबसे पहले कैंसर के बारे में पता चला.

वह आगे कहते हैं, “पवन ने मदद के लिए उत्तर प्रदेश सरकार से लेकर प्रधानमंत्री तक को पत्र लिखा था लेकिन कोई मदद नहीं मिली. पीएम कार्यालय से तीन लाख रूपए मदद के रूप में देने के लिए पत्र आया था लेकिन वह पैसा कभी मिला नहीं.”

पवन के इलाज के लिए हमने लोगों से मदद मांगी, परिवार ने अपने गहने बेच दिए. तब जाकर उसका इलाज हो रहा था. पवन ने कहा था, उसे समाज के लिए बहुत कुछ करना हैं, इसलिए बचा लीजिए.

बता दें कि, साल 2019 में उत्तर प्रदेश के मिर्जापुर में मिड डे मील में बच्चों को नमक रोटी खिलाने का मामला सामने आया था. इसके बाद प्रदेश की योगी सरकार की काफी किरकिरी हुई थी. बाद में उत्तर प्रदेश पुलिस ने इस मामले का खुलासा करने वाले पत्रकार पवन कुमार जायसवाल पर ही एफआईआर दर्ज की थी.

करीब एक महीने पहले पत्रकार पवन जायसवाल ने अपनी बीमारी की जानकारी आप सांसद संजय सिंह को व्हाट्सएप पर दी थी. तब उन्होंने लिखा था कि अब उनके पास रोजाना की दवाइयां तक खरीदने को पैसे नहीं हैं.

जिसके बाद आप सांसद संजय सिंह ने ट्वीट कर लोगों से पवन जायसवाल की मदद की गुहार लगाई थी. संजय सिंह ने एक लाख रुपए की तात्कालिक सहायता उपलब्ध कराई थी और आगे भी मदद का भरोसा दिया था. इसके बाद कई पत्रकारों ने भी उनकी मदद की थी.

उनकी मौते के बाद संजय सिंह ने ट्वीट किया है-

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