28 जून की सुबह करीब 5:00 बजे भारी बारिश के कारण दिल्ली अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा के टर्मिनल 1 का छत का एक हिस्सा गिर गया. जिसकी वजह से आठ लोग घायल हो गए और एक व्यक्ति की मौत हो गई. मृतक का नाम रमेश कुमार था, जो दिल्ली के रोहिणी में किराए के मकान में रहते थे. वह कैब ड्राइवर थे. दिल्ली एयरपोर्ट पुलिस स्टेशन में दायर एफआईआर के मुताबिक, दिल्ली पुलिस जब रमेश कुमार को एयरपोर्ट से मेदांता हॉस्पिटल लेकर गई तो वहां पर डॉक्टरों ने बताया कि उनकी पहले ही मौत हो चुकी है.
वहीं, जब हम रमेश कुमार के परिवार से मिले तो उन्होंने पुलिस पर लापरवाही बरतने और इलाज में देरी करने का आरोप लगाया. रमेश कुमार की पत्नी आशा देवी ने कहा, “पुलिस ने हमें 2 घंटे तक थाने में बैठ कर रखा और उनकी स्थिति के बारे में कुछ नहीं बताया. हम बार-बार उनसे कहते रहे कि हमें उनकी बॉडी दे दीजिए ताकि हम किसी और अस्पताल में ले जाकर उनका इलाज करवा सकें लेकिन पुलिस ने हमें बॉडी भी नहीं दी और 2 घंटे बाद हमें बताया कि उनकी मौत हो चुकी है.”
आशा देवी अपने पति की मौत का जिम्मेदार सरकार को मानती हैं. वह सवाल करती हैं कि आखिर कैसे बारिश की वजह से टर्मिनल की छत गिर गई. आशा देवी ने बताया कि अगले महीने उनकी बड़ी बेटी की शादी है, जिसके लिए रमेश कुमार ओवरटाइम करके पैसे जोड़ रहे थे. रमेश कुमार परिवार के इकलौते कमाने वाले थे. उनके दो बेटे और दो बेटियां हैं.
दुर्घटना में घायल लोगों को दिल्ली के अलग-अलग अस्पतालों में भर्ती किया गया. सरकार ने घायलों और मृतकों के लिए मुआवजे की भी घोषणा की है. वहीं, दिल्ली इंटरनेशनल एयरपोर्ट अथॉरिटी ने बयान जारी कर दुर्घटना की असली वजहों की जांच की बात कही है. साथ ही इस दुर्घटना का प्राथमिक कारण भारी बारिश और तेज हवाओं को बताया है.
देखिए हमारी यह वीडियो रिपोर्ट.
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