
रमजान के दौरान हर शाम, नेहा और उनकी टीम ने जामा मस्जिद में रोज़ा खोलने वाले सैकड़ों मुसलमानों को खाना बांटा. यह एक ऐसा मिशन है, जिसे उन्होंने 2021 में अपने माता-पिता के साथ शुरू किया था और अब दर्जनों लोग उनका साथ दे रहे हैं. ये लोग वक्त, पैसा और संसाधनों के जरिए उसके इस काम में योगदान दे रहे हैं.
नेहा के पिता जय प्रकाश कहते हैं, “हमने कभी हिंदू-मुस्लिम के बीच कोई अंतर नहीं देखा है, और यही हमने अपने बच्चों को सिखाया है.”
भाईचारे और प्यार की मिसाल बनती नेहा को सोशल मीडिया पर कई धमकियां मिलीं. उन्होंने न्यूज़लॉन्ड्री को बताया, “चाहे आप कुछ भी करें, चाहे वह कोई भी अच्छा काम हो, चाहे वह खाना हो, कपड़े हों या कुछ और, हमेशा ऐसे लोग होंगे जो आपकी आलोचना करेंगे.”
लेकिन जैसा कि उनकी टीम के एक सदस्य कहते हैं, "यह भगवान का काम है. और हम सभी भगवान के काम के साथ हैं. इससे कोई फर्क नहीं पड़ता कि वह हिंदू हैं."
देखिए ये वीडियो रिपोर्ट.
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