भारत में कांवड़ यात्रियों के मार्ग पर पड़ने वाले दुकानदारों को अपना नाम उजागर करने को लेकर पाकिस्तानी पत्रकार ने अमेरिका में सवाल पूछा. पाकिस्तान के एआरवाई टीवी के जाने-माने पत्रकार जहांजेब अली खान ने स्टेट डिपार्ट्मन्ट की प्रेस ब्रीफ़ में ये सवाल उठाया.
उन्होंने उत्तर प्रदेश में दुकान के बाहर नाम की तख्ती लगाने को लेकर सवाल किया. पत्रकार ने कहा, “भारतीय मीडिया से आ रही खबरों के अनुसार , बीजेपी शासित राज्यों में दुकानों के बाहर पहचान को उजागर करने के उद्देश्य से नाम की तख्ती लगाने संबंधी नियम को थोपने की कोशिश की जा रही है. मुस्लिमों के प्रति बढ़ती इस नफरत के माहौल के कारण उनके बीच एक डर का एहसास है, जिसके कारण आगे चलकर उनकी समस्या और भी बढ़ती जाएंगी, किसी भी सरकार द्वारा उठाए गए इस प्रकार के कदम पर आपकी क्या प्रतिक्रिया है?”
इस सवाल के जवाब में स्टेट डिपार्टमेंट के प्रवक्ता मैथ्यू मिलर ने कहा, “भारत से आ रही इस घटना के संबंध में जो रिपोर्ट्स मिल रहे हैं. उसे देखें तो ये पता चलता है कि इस नियम को लागू करने पर फिलहाल भारत की सुप्रीम कोर्ट ने अंतरिम रोक लगा दी है. तो इस तरह यह नियम अभी लागू नहीं है. जहां तक अमेरिका की बात है तो हमलोग समूची दुनिया के लिए सार्वभौम मानव अधिकार और धार्मिक स्वतंत्रता के पक्षधर हैं. इसके साथ-साथ धार्मिक समानता में भी विश्वास करते हैं. इसकी रक्षा और इसे जन-सुलभ बनाने के लिए हम हमेशा से प्रतिबद्ध रहे हैं और आगे भी रहेंगे. इसके अलावा इस मामले को लेकर हम अपने भारतीय समकक्ष के लगातार संपर्क में हैं.”
क्या है मामला?
गौरतलब है कि उत्तर प्रदेश के मुजफ्फरनगर जिले के पुलिस कप्तान ने सबसे पहले ऐसे आदेश दिए. फिर इन आदेशों को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने प्रदेशभर में लागू करने की बात कही. इसी तर्ज पर उत्तराखंड के हरिद्वार में आदेश जारी किए.
इसके बाद ये मामला सुप्रीम कोर्ट पहुंचा. जहां सुप्रीम कोर्ट ने याचिका पर सुनवाई करते हुए अंतरिम आदेश जारी किए और इन पर रोक लगा दी.
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