गुरुवार देर रात दिल्ली के बवाना में मूनक नहर का बांध टूटने से बवाना की जेजे कॉलोनी में बाढ़ जैसी स्थिति हो गई. जिसका नतीजा यह हुआ कि यहां के करीब 1300 घरों में पानी घुस गया और लोग अपने घरों को छोड़कर सड़क पर रात बिताने को मजबूर हो गए. इस घटना के दौरान 70 वर्षीय कौशल्या देवी की मौत हो गई.
मृतक कौशल्या देवी की बड़े बेटे धर्मेंद्र कुमार ने हमें बताया, “रात में जब हम सब लोग सो रहे थे तो अचानक से घर में पानी आ गया और वह बहुत तेजी से बढ़ने लगा. थोड़ी ही देर में कमर तक पानी आ गया और घर से लेकर कॉलोनी तक की गलियों तक पानी भर गया. ऐसा लग रहा था जैसे भूकंप आ गया हो. मां ग्राउंड फ्लोर पर सोई थी और अचानक से बाढ़ आने की वजह से वह घबरा गई जिससे उनकी मौत हो गई.”
वह आंखों में आंसू लिए आगे बताते हैं कि चारों तरफ पानी भर गया था. एंबुलेंस बुलाने की कोशिश की गई लेकिन एंबुलेंस नहीं आई. अगर एंबुलेंस समय पर आ जाती तो शायद मां बच जाती.
मूनक नहर के जरिए दिल्ली में हरियाणा से पीने का पानी आता है. हाल ही में दिल्ली में जल संकट के दौरान मूनक नहर से आने वाले पानी को लेकर दिल्ली सरकार और हरियाणा सरकार द्वारा एक दूसरे पर आरोप-प्रत्यारोप लगाए गए और करीब एक महीने तक यह हाई प्रोफाइल पॉलिटिकल ड्रामा जारी रहा. जिसमें यह बात भी सामने आई थी की मूनक नहर से टैंकर माफिया और नहर के किनारे बसे किसानों द्वारा पानी चोरी की जाती है. जिसकी देखरेख के लिए अर्ध सैनिक बलों की भी तैनाती की गई थी.
गुरुवार रात इसी नहर का बांध टूट गया. जिससे बवाना की जेजे कॉलोनी के के, एल, एम और एन ब्लॉक पूरी तरह जलमग्न हो गए. यह तब हुआ जब लोग अपने घरों में सो रहे थे.
स्थानीय निवासी राधा बताती हैं, “हम लोग सो रहे थे तभी आवाज सुनाई दी. लोग चिल्ला रहे थे. हमारा बिस्तर, राशन और घर का बाकी जरूरी सामान पानी में डूबने लगा. मैं अकेली थी. मैंने जल्दी-जल्दी अपने दोनों बच्चों को लिया और किसी तरह जान बचाकर घर से रोड पर चली आई.”
आपको बता दें कि बवाना में बाढ़ जैसी स्थिति सिर्फ नहर का बांध टूटने की वजह से हुई. स्थानीय लोगों का दावा है कि 15 दिन पहले ही उन्होंने नहर से पानी के रिसाव की सूचना दी थी. लेकिन इसे नजरअंदाज कर दिया गया. जिसका नतीजा यह हुआ कि आज 1300 घर डूब गए और एक की मौत हो गई.
वहीं, दिल्ली सरकार में मंत्री आतिशि सिंह ने कहा है कि मूनक नहर के मरम्मत की जिम्मेदारी हरियाणा सरकार के सिंचाई विभाग के पास होती है. दिल्ली सरकार के पास नहीं. नहर के बांध को फिर से ठीक करने के लिए दिल्ली सरकार पूरी तरह से हरियाणा सिंचाई विभाग की मदद कर रही है और 13 जुलाई की दोपहर तक मरम्मत का कार्य पूरा होने की उम्मीद है. उन्होंने यह भी बताया की नहर के टूटने से दिल्ली के कई इलाकों में पानी की सप्लाई प्रभावित हो सकती है.
देखिए हमारी यह वीडियो रिपोर्ट.
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