सुबह के 10 बजे का वक़्त. जगह- दिल्ली और उत्तर प्रदेश का गाजीपुर बॉर्डर. एक तरफ अपने काफिले के साथ हाथ में संविधान लिए लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी, कांग्रेस सांसद प्रियंका गांधी और अन्य कई कांग्रेस नेता उत्तर प्रदेश के संभल जाने पर अड़े थे तो दूसरी तरफ सैकड़ों पुलिसकर्मी उन्हें रोकने के लिए तैनात थे. करीब तीन घंटे की जद्दोजहद के बाद आख़िरकार राहुल गांधी को बैरंग लौटना पड़ा.
दरअसल, संभल की शाही जामा मस्जिद में 24 नवंबर को हुए सर्वे के दिन हुई हिंसा में पांच लोगों की मौत हो गई, जबकि कई घायल हैं. पुलिस कई आरोपियों को जेल भेज चुकी है और कुछ की तस्वीरें जारी की हैं. न्यूज़लॉन्ड्री ने संभल में जो कुछ हुआ उस पर विस्तृत ग्राउंड रिपोर्ट की है.
हिंसा के बाद अलग-अलग दलों के प्रतिनिधि वहां के पीड़ितों से मिलने जाने की कोशिश कर रहे है लेकिन प्रशासन इसकी इजाजत नहीं दे रहा है. समाजवादी पार्टी ने नेताओं का एक प्रतिनिधमंडल भेजा लेकिन उन्हें नहीं जाने दिया गया.
राहुल गांधी ने मंगलवार को जब संभल जाने की जानकारी दी तो शाम को ही संभल के जिलाधिकारी राजेंद्र पेंसिया ने पड़ोसी जिलों बुलंदशहर, अमरोहा, गाजियाबाद और गौतमबुद्ध नगर के अधिकारियों को पत्र लिखकर कहा कि वे राहुल गांधी को अपने जिले की सीमा पर ही रोक लें. बुधवार को हुआ भी यही.
वही, गांधी के संभल जाने को लेकर भारतीय जनता पार्टी ने निशाना साधा. सुधांशु त्रिवेदी ने इसे महज दिखावा बताया.
इस रिपोर्ट में देखिए आखिर गाजीपुर बॉर्डर पर सुबह 9 बजे से दोपहर 01 बजे तक क्या माहौल था.
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