ज़ी न्यूज़ ने गलत एग्जिट पोल्स चलाने को लेकर चार प्रतिद्वंद्वी चैनलों के मालिकों पर हमले करते हुए कुछ आरोप लगाए हैं. इन आरोपों के लिए उसने एग्जिट पोल्स और चैनल मालिकों के कथित राजनीतिक एवं व्यावसायिक रिश्तों का हवाला दिया है.
शो में चैनल ने ये आरोप लगाने से पहले शेयर मार्केट में लाखों करोड़ रुपये डूबने को लेकर एक रिपोर्ट दिखाई और अंत में ये 6 सवाल पूछे.
- एग्जिट पोल एजेंसी और शेयर बाजार में साठगांठ है?
- जनता के 25 लाख करोड़ डूबे, जिम्मेदार कौन?
- शेयर मार्केट के रैकेट’ ‘का हिस्सा बन गए न्यूज़ चैनल?
- जनता का डूबा पैसा भरेंगी एग्जिट पोल एजेंसी?
- जनता का डूबा पैसा लौटाएंगे गलत एग्जिट पोल दिखानेवाले चैनल्स?
- गलत एग्जिट पोल दिखाने वालों की जिम्मेदारी कब तय होगी?
गौरतलब है कि ज़ी न्यूज़ ने बीते दिन शाम को लोकसभा चुनाव परिणामों का रुझान स्पष्ट होने के बाद ये सवाल पूछे.
इन सवालों का एक हिस्सा न्यूज़ चैनल्स को एग्जिट पोल्स दिखाने के लिए जिम्मेदार ठहरा रहा है. साथ ही सवालों के बहाने हमले करते हुए आरोप भी लगा रहा है कि न्यूज़ चैनल शेयर मार्केट रैकेट का हिस्सा बन गए हैं.
चैनलों पर सवाल का वीडियो
ज़ी की ओर से मुख्यतः चार चैनल मालिकों से सवाल पूछे गए. इनमें इंडिया टीवी, इंडिया टुडे ग्रुप, एबीपी और न्यूज़ 24 शामिल है. इन सभी चैनलों से सवाल था कि उन्होंने किस आधार पर उन्होंने एनडीए को 400 पार या 350 पार के नंबर दिए और किस आधार पर उन्होंने इंडिया गठबंधन को 200 से कम दिखायाा.”
लेकिन चैनल सिर्फ यहीं नहीं रुका. इसके बाद उसने एक-एक कर अपने प्रतिद्वंद्वी चैनल के मालिकों से और भी सवाल पूछे या यूं कहें कि आरोप लगाए.
सबसे पहला आरोप ज़ी न्यूज ने इंडिया टीवी के मालिक रजत शर्मा पर लगाया और पूछा, “क्या उन्होंने स्टॉक मार्केट के बड़े निवेशक के कहने पर एग्जिट पोल दिखाया.”
इसके अलावा रजत से पूछा गया, “लाखों लोगों के घरों में चूल्हा नहीं जलेगा तो जिम्मेदार कौन होगा?”
इसके बाद चैनल ने रजत शर्मा और नरेंद्र मोदी के संबंधों पर सवाल उठाते हुए आरोप लगाए और कहा, “जब आपने ज़ी न्यूज़ छोड़कर इंडिया टीवी शुरू किया था तो उस वक्त गुजरात के सीएम रहे नरेंद्र मोदी ने आपको पैसा दिलाया इसलिए आपने ऐसा एग्जिट पोल दिखाया?”
चैनल ने इसके बाद रजत पर एक और आरोप लगाया, जिसमें कहा गया, “ऐसा सुना गया है कि कुछ साल पहले प्रधानमंत्री आपसे नाराज हो गए थे और स्वर्गीय अरुण जेटली के कहने पर मुंबई के एक बिजनेसमैन ने आपकी पीएम मोदी से सुलह कराई थी.”
न्यूज़ 24 की अनुराधा प्रसाद पर आरोप
इसके बाद ज़ी न्यूज़ ने न्यूज़ 24 की मालिक अनुराधा प्रसाद से सवाल पूछते हुए आरोप लगाए. ज़ी ने कहा, “क्या उन्होंने अपने पति राजीव शुक्ला के कहने पर ये एग्जिट पोल चलवाए?”
ज़ी ने इसके बाद आरोप लगाया कि राजीव शुक्ला बीसीसीआई के अध्यक्ष हैं और गृहमंत्री अमित शाह के बेटे जय शाह सचिव हैं. तो क्या बीसीसीआई वाली दोस्ती के दबाव की वजह से गलत एग्जिट पोल दिखाया गया?
वहीं, जब इन आरोपों को लेकर न्यूज़लॉन्ड्री ने अनुराधा प्रसाद से संपर्क किया तो उन्होंने इन आरोपों को पूरी तरह बकवास करार दिया.
अनुराधा ने कहा, “यह सब बकवास है. कम से कम पत्रकारिता की खातिर ही सही उन्हें कुछ तो मर्यादा का ख्याल रखना चाहिए था. हम 2009 से चाणक्य के साथ एग्जिट पोल कर रहे हैं. ज्यादातर वक्त वे सही साबित हुए हैं. हमारे पास उनके साथ एग्जिट पोल न करने का कोई कारण नहीं था. एक बार हमसे गलती हो गई तो हमें पछतावा हुआ. हम यह सर्वेक्षण नहीं करते हैं. और हमने अपने चैनल पर अपने दर्शकों से खेद भी जताया है.''
एबीपी न्यूज़ के मालिक से सवाल
ज़ी ने आगे एबीपी न्यूज़ पर आरोप लगाते हुए मालिक अतिदेव सरकार सवाल पूछे और कहा कि कुछ दिन पहले संस्थान में एक संपादक को रखवाया गया था, जिन्हें आपने निकाल दिया था. क्या उनकी सलाह पर एग्जिट पोल चलाया गया? ज़ी ने आगे कहा कि आपको विज्ञापन देने वालों को सिस्टम से विज्ञापन देने को मना कराया गया था तो क्या उन विज्ञापन देने वालों को वापस लाने के लिए आपने ऐसा किया? ऐसे में लाखों लोगों को हुए नुकसान की भरपाई कौन करेगा?
इंडिया टुडे पर भी निशाना
इसके बाद इंडिया टुडे के मालिक अरुण पुरी और कली पुरी का नाम लेकर आरोप लगाते हुए सवाल पूछे गए कि क्या उन्हें नहीं पता था कि एग्जिट पोल का असर शेयर मार्केट पर पड़ेगा?और क्या उन्हें नहीं पता था कि एग्जिट पोल सच्चाई के आस-पास भी नहीं है?
सवालों की शक्ल में लगाए गए चार संस्थानों पर ये आरोप निजी हमले जैसे हैं. गौरतलब है ज़ी न्यूज़ जिस तरह से ‘गलत’ एग्जिट पोल दिखाने वालों पर हमला कर रहा है, उसमें एक बड़ा सवाल ये है कि क्या सिर्फ यही चार संस्थानों ने गलत पोल दिखाए थे?
ज़ी न्यूज़ ने इस बार आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस की मदद से एग्जिट पोल किया था. जिसमें उसने एनडीए को 305 से 315, इंडिया गठबंधन को 180 से 195 और अन्य पार्टियों को 38 से 52 सीटें दी थीं.
ज़ी न्यूज़ ने इस बारे में आज के कई अखबारों में विज्ञापन दिया है.
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