22 सितंबर 2023 को दिल्ली विश्वविद्यालय छात्र संघ चुनाव संपन्न हो गया. तीन साल की अवधि के बाद होने वाले इस चुनाव में कुल 24 उम्मीदवार मैदान में थे. इसी वजह से ज्यादातर वोटर नए छात्र थे. डूसू चुनाव में हजारों छात्रों ने मतदान किया. चुनाव के ज़रिए छात्र आने वाले वर्षों के लिए कैंपस लाइफ की रूपरेखा तैयार करते हैं.
न्यूज़लॉन्ड्री ने छात्रों से बात कर यह जानने की कोशिश की कि वो किन मुद्दों पर वोट कर रहे हैं. कई छात्रों ने बताया कि पार्टी के मैनिफेस्टो, चुनावी वादों और उम्मीदवारों के भाषणों में कही गई बातों के आधार पर अपना वोट देते हैं. वहीं, कई छात्रों ने कहा कि पैसे और उम्मीदवार की ‘मसल पावर’ को भी ध्यान में रखते हैं.
अमन नामक एक छात्र ने बताया, “डूसू चुनाव में पैसे, जाति और मसल पॉवर का खूब प्रयोग किया जा रहा है. मैं बिहार से हूं, इसलिए चुनाव में ऐसे हथकंडों के प्रयोग से परिचित हूं. मुझे लगता था कि ऐसा सिर्फ बिहार में ही होता है क्योंकि वहां ज्याद पढ़े-लिखे लोग नहीं हैं. लेकिन दिल्ली विश्वविद्यालय में आने के बाद देखा कि यहां भी वहीं हाल है.”
देखिए ये वीडियो रिपोर्ट-
Newslaundry is a reader-supported, ad-free, independent news outlet based out of New Delhi. Support their journalism, here.