उत्तर प्रदेश का मुजफ्फरनगर इन दिनों चर्चा में है. इसके पीछे वहां के पुलिस कप्तान अभिषेक सिंह का एक निर्देश है. जिसमें उन्होंने कहा है कि जिले में आने वाले कावड़ियां मार्ग पर जितने भी खान-पान, फल या ढाबे वाले हैं वो अपनी दुकान, उसके मालिक और वहां काम करने वाले लोगों का नाम लिखें.
एसएसपी अभिषेक सिंह ने इसके पीछे की वजह का जिक्र करते हुए बताया, ‘‘यह इसलिए ज़रूरी है कि किसी भी तरह की भ्रम की स्थिति किसी भी कांवड़िये के अंदर न रहे. ऐसी स्थिति न उत्पन्न हो जिससे आगे चलकर आरोप-प्रत्यारोप हों और कानून व्यवस्था खराब हो. इसलिए ऐसा निर्देश दिया गया है और सब स्वेच्छा से इसका पालन कर रहे हैं.’’
एसएसपी ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि लोग स्वेच्छा से उनके निर्देश का पालन कर रहे हैं. हालांकि, न्यूज़लॉन्ड्री से बातचीत में लोगों ने दावा किया कि उन्हें ऐसा करने के लिए पुलिस की ओर से धमकी दी गई. दुकानदारों ने बताया कि पुलिस ने एसएसपी के निर्देश आने से पहले ही ऐसा कहना शुरू कर दिया था.
गौरतलब है कि सावन के महीने में कांवड़िये हरिद्वार से गंगा जल लेकर दिल्ली और हरियाणा जैसे राज्यों में जाते हैं. मुजफ्फरनगर जिले के बड़े हिस्से से कांवड़िये गुजरते हैं.
वहीं, इस निर्देश की जमकर आलोचना भी हो रही है. राजनीतिक दल के नेताओं के साथ-साथ कई कलाकार इसे बांटने वाला निर्देश बता रहे हैं. जावेद अख्तर ने इस आदेश की तुलना नाजी जर्मनी से की है.
ऐसा नहीं है कि आलोचना के बाद ये मामला रुक गया हो. बल्कि अब तो यूपी सरकार ही खुलकर इस मामले को आगे बढ़ा रही है. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने पूरे प्रदेश में कांवड यात्रा वाले मार्गों पर दुकानदारों को अपना नाम लिखने के आदेश जारी किए हैं.
वहीं, यूपी के पड़ोसी राज्य उत्तराखंड में भी ऐसे ही आदेश जारी हुए हैं. यहां हरिद्वार में पुलिस ने ऐसे ही आदेश जारी किए हैं. मालूम हो कि दोनों राज्यों में फिलहाल भाजपा सरकार है.
देखिए हमारी ये खास रिपोर्ट.
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