नवंबर से दिसंबर के बीच तीन बड़े हिंदी टीवी चैनलों के यूट्यूब चैनल से लगभग 71 हजार वीडियोज़ गायब हो गए. जानकारी में आया कि ये वीडियोज किसी और ने नहीं बल्कि खुद चैनलों ने डिलीट किए. तो ऐसा क्या हुआ कि इन चैनलों ने खुद ही अपने कई हजार वीडियोज़ डिलीट कर दिए. आखिर किस वजह से चैनलों को ये फैसला करना पड़ा.
दरअसल, इस पूरे मामले की शुरुआत वायरल डीआरएम के डिजिटल मिलेनियम कॉपीराइट एक्ट के तहत, टेकडाउन नोटिस जारी करने से हुई. अमरीका स्थित इस डिजिटल राइट्स मैनेजमेंट संगठन का दावा है कि इन न्यूज़ चैनल्स ने कथित तौर पे बिना परमिशन के इनके वीडियोज का इस्तेमाल अपने चैनल पे किया था. ज़्यादातर वीडियोज़ प्राकृतिक आपदा के थे.
यूट्यूब ने अपनी पॉलिसी के तहत इन वीडियोज़ पे ‘कॉपीराइट स्ट्राइक’ भेजना शुरू कर दिया. और इस तरह पेनल्टी से बचने के लिए वीडियोज हटाने का सिलसिला शुरू हुआ. हालांकि, चैनलों का दावा है कि उन्होंने कुछ गलत नहीं किया. टीवी 9 भारतवर्ष ने तो यहां तक दावा किया कि सभी वीडियोज अमेरिका स्थित एजेंसी से ली गई हैं.
जानिए क्या है पूरा मामला और क्यों गायब हुए ये वीडियोज़?
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