फ्रांसीसी पत्रकार वनेसा डॉनिएक की याचिका पर दिल्ली हाईकोर्ट ने केंद्र सरकार से जवाब मांगा है. वेनेसा ने अपनी याचिका में कहा है कि सरकार उन्हें भारत में पत्रकार के तौर पर काम करने की इजाजत नहीं दे रही है और भारत छोड़ने का दबाव बना रही है.
वेनेसा ने विदेशी क्षेत्रीय पंजीकरण कार्यालय द्वारा सितंबर 2022 में पारित आदेश को दिल्ली हाईकोर्ट में चुनौती दी है. लाइव लॉ की खबर के अनुसार, “उन्होंने कहा कि यह आदेश "उनके सम्मान के अधिकार का उल्लंघन करता है क्योंकि इसके परिणामस्वरूप उन्हें समाज की गतिविधियों में भाग लेने और किसी भी आरोप का मुकाबला करने के अधिकार से पूरी तरह वंचित कर दिया जाता है." उन्होंने अपने ओसीआई कार्ड को बहाल करने की भी गुहार लगाई है.
सोमवार को मामले की सुनवाई करते हुए जस्टिस सुब्रमण्यम प्रसाद ने गृह मंत्रालय और विदेश मंत्रालय को नोटिस जारी करके एक हफ्ते में जवाब मांगा है. अगली सुनवाई की तारीख 12 मार्च तय की गई है. उन्होंने कहा कि इस मामले पर “तुरंत ध्यान दिया जाना चाहिए.”
बता दें कि केंद्र सरकार ने डॉनिएक को जनवरी 2024 से पहले 2022 में नोटिस दिया था. उनकी रिपोर्ट्स को “भारत की नकारात्मक छवि बनाने वाली” बताकर उनसे पूछा गया था कि उनके “ओसीआई कार्ड को क्यों न रद्द किया जाए?” इसके बाद उन्होंने बयान जारी करके कहा था कि उनपर “भारत छोड़ने का दबाव बनाया जा रहा है.” मामले को विस्तार से जानने के लिए न्यूज़लॉन्ड्री की ये रिपोर्ट पढ़िए.
मालूम हो कि वेनेसा पिछले 23 सालों से भारत में रहती हैं. उन्होंने एक भारतीय नागरिक से शादी की हुई है. वह फ्रांसीसी प्रकाशनों - ले पॉइंट और ला क्रॉइक्स - और दक्षिण एशिया में स्विट्जरलैंड और बेल्जियम के दैनिक समाचार पत्रों - ले टेम्प्स और ले सोइर - के लिए लिखतीं हैं.
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