भाजपा का दावा है कि नरेंद्र मोदी की सरकार में महिलाएं सुरक्षित हैं. साथ ही वे विपक्ष पर कानून-व्यवस्था की बजाय तुष्टीकरण को प्राथमिकता देने का आरोप लगाते हैं. लेकिन भाजपा में ही मौजूद यौन उत्पीड़न के आरोपियों का क्या? विशेष रूप से जो उत्तर प्रदेश में, जहां भाजपा अपराध पर कठोर नियंत्रण रखे जाने का दावा करती है.
जनादेश 2024: दावे बनाम तथ्य के चौथे भाग में श्रीनिवासन जैन उत्तर प्रदेश के कैसरगंज पहुंचे. यहां से भाजपा ने वर्तमान सांसद और कुश्ती महासंघ के पूर्व अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह के बेटे करण भूषण सिंह को टिकट दिया है.
अपने दागी सांसद बृजभूषण पर आरोप लगने के तुरंत बाद सख्त कार्रवाई करने की बजाय भाजपा ने एहतियातन उनके बेटे को टिकट दे दिया. पिछले साल बृजभूषण पर लगे आरोपों पर भाजपा की ठंडी प्रतिक्रिया के बाद कुश्ती की दुनिया के कई बड़े नाम सड़कों पर आ गए थे. बृजभूषण के बेटे को टिकट मिलने के बाद पहलवानों ने अफसोस जताया. उन्होंने इसे भाजपा के बाहुबली बृजभूषण की जीत बताया.
“बृज भूषण जीतेंगे ही जीतेंगे”! श्रीनिवासन जैन के साथ एक बेहद संक्षिप्त और काफी गहमागहमी से भरे साक्षात्कार में बाहुबली बृजभूषण के ऊपर लगे यौन शोषण के आरोपों पर सवाल करने पर वे भड़क गए. भड़कने के कुछ क्षण पहले तक वे यह दावा कर रहे थे कि यह मुकदमा वे ही जीतेंगे. हालांकि, जमीन पर उनको अपार समर्थन है. सिर्फ कुछ लोग ही हैं जो उनपर लगे आरोपों को गंभीरता से ले रहे हैं.
बृजभूषण और उन्नाव के कुलदीप सिंह सेंगर के मामले को छोड़ भी दिया जाए तो भाजपा शासित उत्तर प्रदेश में महिलाओं पर हुए अपराध में उनकी साख पर बट्टा लगा है. सरकारी आंकड़ों के मुताबिक, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के पहले कार्यकाल में महिलाओं पर हुए अपराधों में 17 फीसदी का इजाफा हुआ.
भाजपा का बृजभूषण को समर्थन देना पूर्वी उत्तर प्रदेश में भले ही बढ़त दिला दे. पर क्या इसकी वजह से भाजपा राष्ट्रीय स्तर पर घुटनों पर आ गई है? खास तौर पर तब जब कर्नाटक में भाजपा के सहयोगी दल के प्रज्ज्वल रेवन्ना का मामला इस तरह के मामलों में एक और कड़ी बन गया है.
हमारी यह रिपोर्ट देखिए.
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